दोस्तों,
मुझे याद नहीं की पिछले ३०-४० बरसो में किसी ऐसी शादी में शरीक हुआ हूँ जिसमे "ये देश है वीर जवानो का" गाना ना बजाया गया हो .मैं सोचता था की यह गाना शायद इसलिए बजाया है की हम हिन्दुस्तानी केवल लड़ाई(युद्ध) या दूसरी कठिन परिस्थितियो में ही देश के वीर जवानो को नहीं याद रखते बल्कि खुशी के मौको पर भी याद रखते है .
यही बात जब मैंने अपने एक बुजुर्ग दोस्त से पूछा तो उन्होंने बताया की यह गाना इसलिए बजाया जाता है की दूल्हे की तुलना वीर जवानो से की जाती जो लगभग वीर जवानो की तरह ही शहीद होने के लिए तैयार हो कर आता है.इसलिये ये गाना आमतौर आखिर में बजता है ताकि उसका प्रभाव सारी जिन्दगी बना रहे .पर पिछले हफ्ते कामन वेल्थ गेम ख़तम होने के बाद जैसे ही जाँच का काम शुरू हुआ तो अचानक पता चला की और भी गम है ज़माने में .१० अरब का आदर्श होउसिंग सोसाइटी , मुंबई घोटाला वीर जवानो के नाम पर किया गया है ,और ये कोई पहला घोटाला थोड़ी है ,आखिर बोफोर्स घोटाला से लगाकर कारगिल ताबूत घोटाला भी वीर जवानो के नाम पर ही हुआ है .अब सोसाइटी तो आदर्श है, घोटाला तो जाँच के बाद ही पता चलेगा की आदर्श है या नहीं .वैसे आदर्श हो भी सकता है क्योंकि सोसाइटी बनी शहीदों के परिजनो को देने के लिए तो उद्देश्य तो आदर्श ही था बस घोटाला इसलिए हो गया की शहीदों के परिजनों के अलावा उन लोगो को भी फ्लैट मिल गए जो अभी तक शहीद नहीं हुए है .मसलन मुख्यमंत्री अशोक चौहान की सासु मा को फ्लैट अलाट हुआ जो अभी तक शहीद नहीं हुए है ,इसीलिए सोनिया जी ने उनको तुरंत हाजिर होने का आदेश दिया है , देखिये शायद अब शहीद हो ही जाये. रु. ८ करोड़ का फ्लैट यदि रु. ८० लाख में मिल जाये तो शहीद होने में भी कोई बुराई नहीं है.आखिर आदमी की जरूरत रोटी कपड़ा और मकान ही तो है और शहीद होने के बाद पहले दो की जरूरत तो वैसे भी नहीं होती.
अब देखिये ना "चीजो के भाव असमान पर चढ़ गए है ,हम अन्तरिक्ष युग में कितना आगे बढ़ गए है " और इसी में क्यों , हम तो दुनिया के भ्रष्टतम देशो की लिस्ट में भी ८४वे से ८७वे नंबर पर पहुँच गए है ,क्या यह उपलब्धता नहीं मानी जाएगी? एक ईमानदार लेकिन निष्क्रिय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश कहाँ से कहाँ पहुँच रहा है ,मगर हमारा भविष्य उज्जवल है क्योकि आजादी के बाद से ना जाने कितने घोटाले इस देश में हुए है पर मजे की बात ये आज तक किसी का कुछ नहीं हुआ .पता नहीं कितने आयोग बैठ चुके है ,ये आयोग भी अगर जाँच हो तो पता लगेगा केवल दो काम के लिए बनाये जाते है ,एक तो अवकाश प्राप्त अफसरों को फिर अधिकार दे कर सरकार के खर्चे पर अनुग्रहित करने का मौका मिलता है आखिर जिन अफसरों ने अपने कार्य काल में सरकार के नजायज कामो को जायज करनें में मदद की उन्हें भी तो लाभ पहुचने की जिम्मेदारी भी तो सरकार की है, दूसरा घोटालो को क़ानूनी जामा पहेनाने में मदद मिलजाती है ताकि जब केस अदालत में जाये तो घोटाले बाज को कानून की पकड़ से दूर रहने में सहूलियत रहे. अब तो ऐसा लगने लगा है की ये देश वीर जवानों के साथ ही घोटालो का भी देश है .सबसे बड़ी बात यह की जो कंपनिया अपने देश में बहुत अच्छी मानी जाती है वो भी हिंदुस्तान में आ कर घोटाला करने से नहीं डरती है बल्कि ऐसा एहसास होता है की आती ही इसी लिए है अभी हाल में ही रु. १२००० हजार करोड़ की वोडा फ़ोन कंपनी पर आयकर की डिमांड तो कम से कम यही बताती है .
राजीव गाँधी के ज़माने में ट्रको के पीछे अक्सर एक स्लोगन लिखा मिलता था "सौ में नब्बे बेईमान फिर भी भारत महान" ,ठीक ही है पिछले २०-२५ सालो की तो स्थिति यही है. राहुल तो खुद ही मानते है की राजीव गाँधी के ज़माने में केंद्र के भेजे रु. १०० नीचे पहुचते पहुचते रु. १५ रह जाते थे, अब राहुल कहते है की यह रकम रु.१० हो गयी है, और इसी बूते जिन राज्यों के चुनाव में करिश्मा दिखने जाते है वहां कहते है की हमने जो पैसा भेजा था वह खर्च नहीं हुआ इसलिए हम पहुचने ही रु.१०० के १० देते है .
आप इससे यह ना समझे की केवल जिनकी जाँच हो रही है वही घोटालो में शामिल है बल्कि सच्चाई ये है आप जिस की जाँच करा देंगे वही घोटाले में मिलेगा फिर चाहे वो शरद पवार हो या लालू यादव .इसलिये भलाई इसी में है जितनी ढकी है वो ढकी रहे .वर्ना सच्चाई तो यह है की जिसकी पूंछ उठा कर देख लोगे मादा ही मिलेगा.
स्वामी रामदेव भ्रष्टाचार के पीछे लगे है तरह -तरह से लोगो को समझा रहे है योग सिखा रहे है और पैसा के बजाय हवा खाने की सलाह दे रहे है . वास्तव में बड़ा चैलेन्ज है .भगवान से प्रार्थना है की उनको शतायु करे और हम लोग उनको सहयोग कर आने वाले सालो में भारत को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाये .ताकि इस देश को पुनः उस सम्मान जनक स्थिति
में पहुचायां जा सके जिसका अधिकारी है हमारा प्यारा महान देश भारत .
दीपावली की शुभ कामनाओ सहित ,
में पहुचायां जा सके जिसका अधिकारी है हमारा प्यारा महान देश भारत .
दीपावली की शुभ कामनाओ सहित ,
अजय सिंह"एकल"