प्रिय मित्रो,
हैदराबाद में नरेन्द्र मोदी ने वी कैन और वी विल का नारा लगा कर जनता
को झकझोर दिया तो विरोधिओं ने भी बिना देर करे आरोप लगा दिया की मोदी अमरीका के ओबामा नहीं है वह तो मात्र उनकी नक़ल कर रहे है। शक तो हमें भी है लेकिन वी कैन पर नहीं बल्कि इस बात पर की विल वी। रास्ता साफ़ है सीधा है यू.पी. ए. के 9 सालके कुशासन से नतीजे में जनता के लिए में महगाई , भ्रष्टाचार और अथाह समस्याये ही आयी है। और इन परिस्थितिओं में नरेन्द्र मोदी का लाल किले पर पहुचना बहुत मुश्किल नहीं है। लेकिन रास्ता इतना आसान नहीं है कांग्रेसियो की वजह से ही नहीं भाजपाईयों की वजह से भी।
आजादी की ६७वीं वर्षगाँठ देश के लिए जितनी महत्व पूर्ण है मनमोहन सरकार के लिए और खास तौर पर मनमोहन सिंह के लिए उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। मनमोहन सरकार के लिये इसलिए कि इसकी कृपा
से बहुत से लोग अकूत सम्पत्ति के मालिक पिछले दस सालों में बन गये, नकारा मंत्रियों की टीम ने देश की अर्थव्यस्था को चौपट कर दिया और महंगाई की वजह से आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है। इस सबसे बड़ी उपलब्धि यह की पोलियो जनता के बजाय मनमोहन सरकार को हो गया है। व्यक्तिगत रूप से मनमोहन १० बार लाल किले से झन्डा फहराने वाले देश के तीसरे प्रधान मंत्री हो गए है और वह भी अपने करिश्मे से नहीं सोनिया की कृपा से। दूसरे की कृपा से प्रधानमंत्री बनने वाले मनमोहन सिंह पहले और शायद आखरी प्रधान मन्त्री भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में होंगे।
आजादी की पूर्व सन्ध्या पर मुम्बई में आइ एन एस सिन्धुरक्षक (भारतीय नौ सेना की शक्तिशाली अणु पनडुब्बी ) में रहस्यमय विस्फोट से देश और सेना विस्मय में है। कई तरह के अनुमान लगाये जा रहे है। एक अनुमान यह भी है की यह आतंकवादी घटना हो सकती है। पिछले कई महीनों और खास तौर पर पाकिस्तान के प्रधान मन्त्री नवाज शरीफ के आने के बाद से पाकिस्तान भारत को हर तरह से नुकसान पहुचाने पर लगा है कभी एल ओ सी पर गोलीबारी और कभी पी ओ के में और कश्मीर में दंगे और फिर खबर आयी की स्वतन्त्रता दिवस पर पाकिस्तानी आतंकवादी दिल्ली और मुम्बई में घुस आये है और विस्फोट की फ़िराक में है इसलिये आश्चर्य नहीं की यह विस्फोट भी उसी योजना का अंग हो।
पाकिस्तान के मुकाबले में भारत देश बहुत बड़ा है हमारी सेना भी बहुत शक्तिशाली है और हम चाहे तो
पाकिस्तान का आस्तित्व खत्म हो सकता। पर सवाल है की विल वी ? देश की जनता यू.पी.ए.सरकार की नाकामी से दुखी है। हर ओर त्राहि -त्राहि मची है। महंगाई, अराजकता ,भ्रष्टाचार ने आम आदमी को जीना तो छोड़ मरना भी मुश्किल कर रखा है। कांग्रेस सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने का मौका भी बस चन्द महीनों में ही आने वाला है। डेमोक्रेसी में यह ताकत जनता के हाथ में होती ही है इसलिये सर्टेनली वी कैन पर सवाल फिर वही है विल वी ?
और अंत मे
हम उनसे क्रोध जता पूंछ रहे है,अब तक हुई है किस से खता पूंछ रहे है,
न जाने कौन से महल में कैद पड़ी जो,हम उस स्वतंत्रता का पता पूंछ रहे है।
न जाने कौन से महल में कैद पड़ी जो,हम उस स्वतंत्रता का पता पूंछ रहे है।