दोस्तों,
स्वतन्त्रता दिवस पर लाल किले से अपने पहले भाषण में ही नरेंदर मोदी ने आशा के अनुरूप अपने इरादे साफ़ कर दिए है.अब यह देश रुकने वाला नहीं है.और केवल आगे ही नहीं बढ़ेगा बल्कि स्वाभिमान के साथ महर्षि
अरविन्द का तथा स्वामी विवेकानन्द का देश को विश्व गुरु के पद पर पहुँचाने का सपना भी साकार करेगा। तभी तो मोदी जी ने अपने सम्बोधन में साफ़ साफ़ कहा की हमें शस्त्र के बजाय शास्त्र का रास्ता चुनना है युद्ध के बजाये बुद्ध का रास्ता चुनना है और विश्व को दिशा देनी है. युद्ध हो जाये तो उसे जितने की तैयारी से ज्यादा आवश्यक है की ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो की युद्ध की नौबत है ना आये.

बड़ी -बड़ी घोषणाओं के मंच से उन छोटी छोटी बातो की और देश वशिओ का ध्यान आकर्षित करने में मोदी सफल भी रहे और जिन से देश को अक्सर अपमानित होने की नौबत आ जाती है चाहे बलात्कार की घटनाये हो या भ्रूण हत्या का मामला हो और उदाहरण देकर अभी समपन्न हुए कॉमन वेल्थ खेलो में ६४ में से २९
मेडल स्त्री शक्ति को पर्याप्त हुए है बताना नहीं भूले और साथ ही स्कूल में शौचालय की वजह से स्कूल न जा पाने को लड़कियों को न पढ़ने का कारण मानते हुये अगले एक सालमे सारे स्कूलों में इसकी व्यवस्था हो इसका समय बद्ध योजना सरकार के साथ व्यापार जगत के लोगो को भी दे दी.

आने के लिए राह बननी शुरू हो गयी है और अब इसके लिए केवल सरकार का मुह ताकते रहने की जरुरत नहीं बल्कि छोटे छोटे संकल्प जनता खुद करे और इसे पूरा करने के लिए जनता आगे बढे ऐसी अपनी इच्छा प्रगट की है फिर चाहे वोह अपनी गली मोहल्ले में सफाई का मामला हो या कोई और. मोदी ने बता दिया की ईश्वर उन्ही की सहायता करता है जो अपनी सहायता स्वयम करते है।
और अंत में
आजादी का जश्न था लाल किला प्राचीर
केसरिया पगड़ी धरे पी एम की तकरीर
पी एम की तकरीर साफ़ देती संदेशा
सेवा समझ आप करो कोई भी पेशा
यदि हो जिम्मेदार देश की आबादी
तब होगी चरितार्थ बंधू सच्ची आजादी
पी एम की तकरीर साफ़ देती संदेशा
सेवा समझ आप करो कोई भी पेशा
यदि हो जिम्मेदार देश की आबादी
तब होगी चरितार्थ बंधू सच्ची आजादी

