Wednesday, May 18, 2016

हिन्दू और मुसलमान धर्म


 आइए देखे हिन्दू धर्म क्यों सरेहश्रेष्ठ है और मुसलमान धर्म मात्र एक नक़ल :

1.कितने हिन्दू भाइयों को ही क्या मुसलमानो को भी ये न पता होगा की पैगम्बर सिकंदर के 500 साल बाद पैदा हुए था।
2. भारत को छोड़ पूरे संसार में रमजान को”रामदान”कहते है,आप गूगल परभी देख सकते हैं । भारत में अपनी नक़ल छुपानेको इन्होने इसे “रमजान” कर दिया | इस्लाम के पवित्र महीना रमजान संस्कृत शब्द”रामज्ञान”का अपभ्रंस है । और मक्का में विश्वप्रसिद्ध शिव लिंग भी था और अभीभी है और ये मुस्लिम हज के समय इस शिवलिंग को ही सज़दा करते हैं।
3. मुहम्मद के चाचा एक हिन्दू थे और अरब में भी आर्य संस्कृति का प्रभाव बहुत था। मुहम्मद के चाचा ने एक पुस्तक भी लिखी थी”शायर उलओकुल “जिसमें हिन्दू संस्कृति की भूरी भूरी प्रसंसा थी बाद में मुहम्मद के बदमाशों नेउन्हें मार दिया था |
4-“मुसलमानो का “नमाज”भी संस्कृत के नमत शब्द से बना है जिसका अर्थ है झुकना |
5- मुसलमानो की दिन में ५ बार नमाज हमारे वेदों के”पञ्च महायज्ञ”की ही नक़ल है |
6-मुसलामानों का त्यौहार “शब्बेरात”शिवरात्री का हीअपभ्रंस है |
7-*नमाज के पहले ५ अंगों को धुलना वेदों के”शरीर शुद्ध्यर्थं पंचांग न्यासः”का ही नियम है |
8-ईद उल फितर भी हिन्दुओं के पित्री पक्षकी नक़ल है और ईद उल फ़ित्र में मुसलमान अपने
पुरखों को ही याद करते हैं |
9-नक़ल यहीं बंद नहीं हुई : गर्भा बना काबा,पुराण बना कुराण, संगे अश्वेत बना संगे अस्वाद, हमारा मलमास बना सफ़र मास, रविसे उनका रबी महिना, उनका ग्यारहवीशरीफ हमारे एकादशी कीही नक़ल है| गृह से ही उनका गाह शब्द बना ईदगाह , दरगाह*********** बस  बिना अकल नक़ल ही नकल 

Friday, May 6, 2016

तेरी कमीज मेरी कमीज से सफ़ेद कैसे?

 मित्रो,
जब से  मोदी  प्रधान मंत्री बने है रोज  कोई न कोई नया बवाल खड़ा हो जाता है। इसमें अधिकांश ऐसे है जिनका समाज अथवा देश के लिए  केवल इतना महत्व है की वह देश की अथवा मोदी की बदनामी करवाने की असफल कोशिश करते दिखाई देते है। हालाँकि ज्यादातर  ऐसे आरोप प्रिंट या सोशल मिडिया अथवा और कहीं भी एक या दो दिन ज्यादा चर्चा में  नहीं रहते है । लेकिन चटखारे लगा लगा कर गॉसिप करने वालो का टाइम पास तो हो ही जाता है।

अरविन्द केजरीवाल के मुख्य मंत्री बन जाने के बाद  मानों बन्दर के हाथ अस्तुरा लग गया है। अपने पद और बुद्धि पर घमन्ड ने पहले तो उन्हें उन अपनों से दूर किया जिनकी सहयता से  पद पर पहुंचे। फिर पार्टी के सिद्धांतो के लिए समर्पित सैकड़ो कार्य कर्ताओ से दूर किया। पता नहीं कैसे और किन सलाहकारों ने केजरीवाल को अपना काम छोड़ कर बाकी दुनियाँ की चिंता करने की सलाह दी है। इसीलिए कभी मोदी  खिलाफ चुनाव कभी योगेन्द्र यादव से मारपीट और अब मोदी की डिग्री की की चिंता उन्हें  दिन सता रही है। शायद उन्हें यह ग़लतफ़हमी गयी है की यदि मोदी की डिग्री नकली साबित हो जाये तो उनका प्रमोशन हो जाएगा और वह मुख्यमंत्री  प्रधान मंत्री  जायेंगे।
वैसे यह ख्वाब देखने वाले वह अकेले मुख्यमंत्री नहीं है। नितीश बाबू ने भी  ख्वाब सजाया है और हो भी क्यों न आखिर जिन के खिलाफ  लड़ाई लड़ कर राजनीत में अपनी जगह बनाई उनकी गोद में बैठ कर एक बार फिर पद प्राप्त हो गया है इसलिए  बिहार की चिंता कम देश की चिंता ज्यादा कर रहे रहे है। इसीलिए अब उन्होंने संघ मुक्त भारत बनाने की घोषणा कर दी है।

मैंने सुना था की पढ़ लिख कर आदमी विनम्र हो जाता है समझदार हो जाता है लेकिन अरविन्द को देख कर लगता है की बड़े और नामी गिरमी संस्थानों में पढाई करके आदमी चालक और घमण्डी हो जाता है जिसको अपने स्वार्थो के सिवाय न कुछ दिखाई देता है न सुनाई देता है। नहीं तो दिल्ली की दशा सुधरने के बजाय ख़राब न होती। जिन वादों से कुर्सी मिली उनका कोई जिक्र पद पर आने  के बाद न होना हर दिन केवल और केवल नए विवादों को जन्म देकर सुर्खियों में बने रहना ही उनका काम रह गया है।  इसलिए केजरीवाल अपनी सारी  ताकत ने मोदी की डिग्री को नकली सिद्ध करने में लगा दिया है।  हम तो केवल उन्हें भगवान सद्बुद्धि दे यह प्रार्थना ही कर सकते है। अरविन्द को पता नहीं की कितने ही ऐसे लोग जिन्होंने स्कूल या कालेज का मुंह भी नहीं देखा बड़े बड़े संस्थानों से पढ़ने वल उनकी नौकरी करते है। उदाहरण के लिए धीरु भाई अम्बानी ,जमशेद जी टाटा जैसे सैकड़ो लोग मौजूद है। नौकरी पाने के लिए बड़ी पढाई जरुरी है लेकिन जीवन में सफलता बुद्धिमानी ,विनम्रता और दूसरों को सम्मान देने से मिलती है।
मोदी का विरोध चाहे व्यक्तिगत हो अथवा सैद्धांतिक इसी काम को प्राथमिकता  देकर सभी विरोधी जिसमे कांग्रेस भी शामिल है कर रहे है।  मोदी देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को ठीक करने के लिए रात दिन जुटे है और बाकी मिलकर इस कोशिश में लगे है की अपनी  कमीज को मोदी की कमीज से ज्यादा सफ़ेद कैसे सिद्ध कर दे। लेकिन शायद इन्हे पता नहीं कीदूसरे की कमीज गन्दी करने से अपनी कमीज साफ़ नहीं होती बल्कि अपनी कमीज को साफ़ करने से वह दूसरे कमीज से ज्यादा साफ़ दिखती है।
भगवान सभी को सद्बुद्धि दे।और जो जिम्मेदारी अरविन्द को दिल्ली की जनता ने उन्हें देकर अपना विश्वास दिया था उसे वह  पूरा करेंगे ताकि त्राहि त्राहि करती जनता को राहत मिले। 

और अंत में 

दुश्मनी करो तो इतनी 
की गर हम फिर दोस्त 
हो जाये तो शर्मिंदा  हो।
अजय सिंह "जे एस के "