रेड मार दी, रेढ़ मार वाह वाह जी, मोदी जी
काले धन की भेंड़ मार दी वाह वाह जी मोदी जी
काले धन की भेंड़ मार दी वाह वाह जी मोदी जी
एक मिनट में ब्लैक मनी का इंतकाल कर डाला जी
वाह वाह मोदी तुमने फिर से कमाल कर डाला जी
वाह वाह मोदी तुमने फिर से कमाल कर डाला जी
बोरे भरे पड़े थे घर में सब कूड़ा कर डाला जी
धन कुबेर के बेटों को पल में बूढ़ा कर डाला जी
धन कुबेर के बेटों को पल में बूढ़ा कर डाला जी
नकली नोट खतम पैसों से बिकने वाले वोट खतम
अर्थव्यवस्था पर आतंकी मुद्राओं की चोट खतम
अर्थव्यवस्था पर आतंकी मुद्राओं की चोट खतम
कैसा जादूगर है भैया रोज कमाल दिखाता है
राजनीति वाली बिसात पर धांसू चाल दिखाता है
राजनीति वाली बिसात पर धांसू चाल दिखाता है
धुर विरोधियों को भी इसका तोड़ नहीं दिखता है जी
कैसे करें खिलाफत इसका मोड़ नहीं दिखता है जी
कैसे करें खिलाफत इसका मोड़ नहीं दिखता है जी
भारत माँ से तेरा हमको सच्चा रिश्ता लगता है
आसमान से उतरा कोई नेक फरिस्ता लगता है
आसमान से उतरा कोई नेक फरिस्ता लगता है
पप्पू, कजरी और दिग्विजय आज बिलो में दुबक गए
काले धन के बादशाह चुपचाप किलों में दुबक गए
काले धन के बादशाह चुपचाप किलों में दुबक गए
पूरा देश तुम्हारे संग है जंग रहे जारी भैया
देशद्रोहियों के मुंह पर है चोट पड़ी भारी भैया
देशद्रोहियों के मुंह पर है चोट पड़ी भारी भैया
चार दिनों तक दिक्कत होगी ये हमको मालूम है जी
सब चीजों की किल्लत होगी ये हमको मालूम है जी
सब चीजों की किल्लत होगी ये हमको मालूम है जी
लेकिन हम भारतवासी हैं सब संकट सह लेंगे जी
अगर बहुत दिक्कत होगी तो हम भूखे रह लेंगे जी
अगर बहुत दिक्कत होगी तो हम भूखे रह लेंगे जी
यही वक्त है हमको सच्ची देशभक्ति दिखलानी है
अल्पकाल की दिक्कत है हमको हंस कर सह जानी है
अल्पकाल की दिक्कत है हमको हंस कर सह जानी है
ये तो सोचो नेताओं के बढ़े पेट घट जायेंगे
ये तो सोचो टेररिस्ट के बड़े हाथ कट जायेंगे
ये तो सोचो टेररिस्ट के बड़े हाथ कट जायेंगे
ये सोचो अब वोट बैंक की कभी खरीद नहीं होगी
लोकतंत्र की सच्ची सूरत कभी शहीद नही होगी
लोकतंत्र की सच्ची सूरत कभी शहीद नही होगी
अपना क्या है बस थोड़े से नोट पड़े है बक्से में
उनकी सोचो जो भर भर कर कल लाये थे रिक्शे में
उनकी सोचो जो भर भर कर कल लाये थे रिक्शे में
जिनके कोठे भरे पड़ें है कालेधन के नोटों से
इस निर्णय ने हंसी छीन ली है उन सबके होंठो से
इस निर्णय ने हंसी छीन ली है उन सबके होंठो से
देशवासियो थोड़े दिन तक रखना धैर्य जरूरी है
सर्जीकल स्ट्राइक ये वाली भी अब मजबूरी है
सर्जीकल स्ट्राइक ये वाली भी अब मजबूरी है
पचपन लाख करोड़ रूपैया लोग दबाये बैठे है
आम आदमी की खुशियों पर लॉक लगाये बैठे हैं
आम आदमी की खुशियों पर लॉक लगाये बैठे हैं
ऐसा झटका मारा है कि सब बाहर आ जायेगा
लोभी लोमड़ चुप रहना वरना नाहर आ जायेगा
लोभी लोमड़ चुप रहना वरना नाहर आ जायेगा
पतझड़ में आभास हुआ है बाग बहार महीने का
इसको ही कहते हैं जलवा छप्पन इंची सीने का
इसको ही कहते हैं जलवा छप्पन इंची सीने का
व्हाट्स अप से प्राप्त कविता