Sunday, May 5, 2013

घोर कलयुग आ गया है

 दोस्तों,
वैसे तो कलयुग आये कई सौ साल हो चुके है और इस समय के समर्थन में कई लोगो ने जैसी भविष्यवांणियाँ   की थी वह  सच भी हो रही है जैसे कहा गया कि  "हंस चुनेगा दाना कौवा मोती खायेगा" तो आप आजकल  देश में कौओ को मोती खाते आसानी से देख सकते है। पर पिछले दिनों तो बस कमाल ही हो गया,आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या हो गया की घोर कलयुग दिखने लगा है।तो आप को याद  दिला  दे की  द्वापर यानि कलयुग  से पहले वाले युग में आपने कंस मामा को अपने भांजे कृष्ण और शकुनी  मामा को भांजे दुर्योधन का  बेड़ा गर्क करते सुना होगा।अब  भांजे विजय सिंगला ने मामा और देश के रेल मंत्री पवन बंसल का बेड़ा गर्क किया है यानि अब मामा ने भांजे का नहीं बल्कि भांजे ने मामा को पलिता लगा कर  घोर कलयुग के आने  की घोषणा की  है ।

लेकिन इसी कलयुग में  सतयुग में हुई एक  घटना की पुनरावृत्ति भी हो रही है। यानी विभीषण ने एक बार फिर
रावण की लंका ढहाने का काम घर के भेदिया होने के कारण कर दिया है। आपने  ठीक समझा पिछले पाँच सालों में कर्नाटक की सत्ता पर काबिज भा .जा .पा .के पूर्व मुख्यमंत्रियो विशेष रूप से यद्दुराप्पा जी ने अपनी पार्टी बना कर कर्नाटक में कांग्रेस का रास्ता आसान  कर दिया है।और अपनी पूर्व पार्टी को धूल चटा कर "न खायंगे और न खाने देंगे" की कहावत को चरितार्थ किया है। वैसे यदुरप्पा और विभीषण में कई और समानताये भी है, मसलन दोनों ब्राह्मण है और दोनों दक्षिण भारत से आते है।

कांग्रेस ब्यूरो आफ इन्वेस्टीगेशन यानी सी. बी .आइ. के प्रमुख को बुला कर कोल घोटाले की रिपोर्ट को मन मुताबिक बदलवाने का महत्वपूर्ण काम करवा कर अश्वनी कुमार यानि देश के कानून मन्त्री ने कोल घोटाले में   फँसे अपने साथियो और पार्टी के प्रति वफ़ादारी का जो प्रदर्शन किया है उससे मोगेम्बो यानी  मनमोहन सिंह  और टीम तो जरुर खुश हुए है और इसीलिए सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पड़ी के बावजूद पूरी कांग्रेस पार्टी मजबूती से अश्वनी के पक्ष में खड़ी है और घोषणा कर दी है की जाँच पूरी होने तक इस्तीफे का  तो सवाल  ही नहीं और कांग्रेस के शासन में रहते जाँच पूरी हो जाये इसका भी कोई सवाल नहीं। यानी  यदि अगले चुनावो में यू . पी . ऐ . हार जाये तो ही इन घोटालो की जाँच हो सकती है नहीं  तो देश लुटेरों के हाथ लुटता ही रहेगा और फिर भगवान  ही मालिक है इस  देश का।

और अंत में  
आंधियों के बीच जो जलता हुआ मिल जायेगा 
उस दिए से पूछना मेरा पता मिल जायेगा।

अजय सिंह "एकल "


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