दोस्तों,
१६वीं शताब्दी में पैदा हुये महा कवि भूषण ने कभी अपनी कविता में समय का चक्र कैसे कैसे परिवर्तन लाता है क्या क्या दिन दिखाता है का वर्णन करते हुए लिखा था "ऊँचे घोर मंदर के अंदर रहनवाली ,ऊँचे घोर मंदर के अंदर रहाती हैँ,तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती हैं " . ४०० साल पहले कही हुई बात आज भी बड़ी सटीक बैठी है. देखो न क्या दिन आये है पहले सत्ता मैं आने के लिए समझौते करते थे और अब विपक्ष बनाने के लिए समझौता करने की नौबत आ गयी है. देश में पिछले दस सालो से सत्ता का केन्द्र बनी सोनिया गांधी नेता विपक्ष के पद के लिए बेबस खड़ी मोदी की ओर निहार रही है और उम्मीद कर रही हैं की उन्होंने सत्ता मैं रहते हुये चाहे जो बर्ताव विपक्ष के साथ किया हो पर एन डी ऐ सरकार के मुखिया नरेंदर मोदी तो सज्जन वयक्ति है और उनकी सज्जनता की वजह से देश के ही नहीं उनके भी दिन कुछ तो अच्छे हो ही जायेंगे। और फिर मोदी ने ही तो सबका साथ सबका विकास का मंत्र दिया था तो उसमे मेरा और बेटे राहुल का हिस्सा मांग लेने में हर्ज है क्या है.
टी वी की बहू स्मिृता ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय क्या मिला मानो राजनीत मैं भूचाल आ गया
है। सारे कांग्रेसी उनकी क्वालिफिकेशन पर सवाल उठा रहे है. जब उमा भारत ने सोनिया गांधी की योग्यता का प्रश्न उठाया तो सारे बगलें जहकने लगे। सही कहा गया है शीशे के घरों मैं रहने वालों को दूसरो पर पत्थर नहीं फेकने चाहिये। और फिर अभी अभी तो अमेठी में राहुल को नाको चने चबुआ कर लौटी है उसका कुछ तो पुरस्कार मिलना ही चाहिये। सो मोदी जी ने कर दी कृपा।
और अंत में
अजय सिंह "एकल "
१६वीं शताब्दी में पैदा हुये महा कवि भूषण ने कभी अपनी कविता में समय का चक्र कैसे कैसे परिवर्तन लाता है क्या क्या दिन दिखाता है का वर्णन करते हुए लिखा था "ऊँचे घोर मंदर के अंदर रहनवाली ,ऊँचे घोर मंदर के अंदर रहाती हैँ,तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती हैं " . ४०० साल पहले कही हुई बात आज भी बड़ी सटीक बैठी है. देखो न क्या दिन आये है पहले सत्ता मैं आने के लिए समझौते करते थे और अब विपक्ष बनाने के लिए समझौता करने की नौबत आ गयी है. देश में पिछले दस सालो से सत्ता का केन्द्र बनी सोनिया गांधी नेता विपक्ष के पद के लिए बेबस खड़ी मोदी की ओर निहार रही है और उम्मीद कर रही हैं की उन्होंने सत्ता मैं रहते हुये चाहे जो बर्ताव विपक्ष के साथ किया हो पर एन डी ऐ सरकार के मुखिया नरेंदर मोदी तो सज्जन वयक्ति है और उनकी सज्जनता की वजह से देश के ही नहीं उनके भी दिन कुछ तो अच्छे हो ही जायेंगे। और फिर मोदी ने ही तो सबका साथ सबका विकास का मंत्र दिया था तो उसमे मेरा और बेटे राहुल का हिस्सा मांग लेने में हर्ज है क्या है.
टी वी की बहू स्मिृता ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय क्या मिला मानो राजनीत मैं भूचाल आ गया
है। सारे कांग्रेसी उनकी क्वालिफिकेशन पर सवाल उठा रहे है. जब उमा भारत ने सोनिया गांधी की योग्यता का प्रश्न उठाया तो सारे बगलें जहकने लगे। सही कहा गया है शीशे के घरों मैं रहने वालों को दूसरो पर पत्थर नहीं फेकने चाहिये। और फिर अभी अभी तो अमेठी में राहुल को नाको चने चबुआ कर लौटी है उसका कुछ तो पुरस्कार मिलना ही चाहिये। सो मोदी जी ने कर दी कृपा।
और अंत में
मैंने
पूछा साँप से दोस्त
बनेंगे आप। नहीं महाशय
ज़हर में आप हमारे
बाप।।
कुत्ता रोया फूटकर यह
कैसा जंजाल। सेवा नमकहराम की
करता नमकहलाल।
बीज
बनाये पेड़ को, पेड़
बनाये बीज। परिवर्तन होता
सतत, बदलेगी हर चीज।।
बारिश चाहे लाख हों,
याद नहीं धुल पाय।
याद करें जब याद
को, दर्द बढ़ाती जाय।।
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