किसी ने साधारण से दिखने वाले शिक्षक से पूछा -क्या करते हो आप ? शिक्षक का सुन्दर जवाब देखिए-
सुन्दर सुर सजाने को साज़ बनाता हूँ ।
नौसिखिये परिंदों को बाज़ बनाता हूँ ।।
नौसिखिये परिंदों को बाज़ बनाता हूँ ।।
चुपचाप सुनता हूँ शिकायतें सबकी ।
तब दुनिया बदलने की आवाज़ बनाता हूँ।।
समंदर तो परखता है हौंसले कश्तियों के ।
मैं डूबती कश्तियों को जहाज़ बनाता हूँ ।।
मैं डूबती कश्तियों को जहाज़ बनाता हूँ ।।
बनाए चाहे चांद पे कोई बुर्ज-ए- ख़लीफ़ा ।
अरे मैं तो कच्ची ईंटों से ही ताज बनाता हूँ ।।
अरे मैं तो कच्ची ईंटों से ही ताज बनाता हूँ ।।
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