हाथ धोना कब कब आवश्यक है :
१.खाना पकाने के पहले, बीच में और पकाने के बाद
२. खाना खाने के पहले और खाना कहने के बाद
३. किसी भी बीमार आदमी के पास जाने के पहले और वापस आने के तुरंत बाद
४. किसी भी चोट या खून निकलने वाली जगह पर दवा लगाने के पहले और बाद
५. शौच या मूत्र विसर्जन के बाद
६. बच्चे को लंगोटी /नैपकिन पहनाने के पहले या शौच की सफाई करने के पहले और बाद में
७. नाक खुजाने ,छींक या कफ को थूकने के बाद
८. किसी भी जानवर को छूने ,खिलाने या उसका मल मूत्र इत्यादि को साफ़ करने के बाद
९. किसी भी जानवर के घाव को छूने के पहले और दवा इत्यादि लगाने के बाद
१०. कूड़ा या कोई अन्य गन्दा सामान छूने के बाद
११. हाथ को साबुन से धोने की सुविधा न होने पर किसी अच्छे सेनेटाइजर सभी हाथ धो सकते है।
हाथ कैसे धोना चाहिए :
१. नल में पानी (गर्म या ठंडा ) चला कर हाथो को ठीक से गीला करे और नल बंद कर दे। साबुन हाथ में लेकर ठीक से मले
२. हथेलियों को रगड़ कर साबुन का झाग बनाये और अंदर तथा ऊपर झाग को फैलाये। अंगुलियों के बीच में तथा नाखुनो को भी झाग लगा कर साफ़ करे।
३. कम से कम बीस सेकेण्ड तक ठीक से हथेलिओं को रगड़े। समय देखने के लिए आप मन में "हैप्पी बर्थ डे " गीत को दो बार गाये।
४. चलते पानी के नीचे रगड़ कर हाथो को ठीक से धोएं ताकि साबुन साफ हो जाये।
५. सूखे कपडे ,तौलिया से पोंछ कर या ड्रायर में सूखा कर हाथ को सूखा ले।
पानी पीने का नियम :
१. दिन भर में काम से कम ४-५ लीटर पानी पिये।
२.सुबह उठ कर हल्का गुनगुना पानी निम्बू के साथ पीने से पेट ठीक साफ़ होता है और अनेक प्रकार की बीमारियों के होने की सम्भावना खतम हो जाती है।
३. भोजन के ३० मिनट पहले और भोजन के काम से कम एक घंटे बाद पानी पीना चाहिए
४. पानी की उचित मात्रा नियमित पीने से स्वास्थ्य ,पाचन क्रिया और शरीर का रंगरूप ठीक और चमक दार हो जाता है।
५. पानी पीते रहने से शरीर में ताकत बनी रहती है और थकान भी काम लगती है।
६. पानी की सही मात्रा नित्य पिने से गुर्दे ठीक काम करते है और वजन भी नहीं बढ़ता है।
७. शरीर में वसा और तरलता में संतुलन रहता है।
८. व्यायाम करने के काम से कम ५-१० मिनट के बाद ही पानी पीना चाहिए।
९. फ्रिज में रखे पानी को पीने से यथा संभव दूर रहे। हल्का गुनगुना या कमरे के तापमान वाला पानी पीये।
१० पानी कभी भी खड़े होकर नहीं पीना चाहिए।
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