दोस्तों,
गुजरात के चौथी बार मुख्यमंत्री बने नरेन्द्र मोदी जी ने छै करोड़ गुजरातियो का दिल गुड गवर्नेंस के द्वारा जीत कर अब दिल्ली पर दावा ठोक दिया है। मोदी ने जिस तरह से श्री राम कालेज आफ कामर्स,नई दिल्ली में नौजवानों को सम्बोधित किया और उसमे जो भी विषय बिंदु उठाये गए औरउनके लिए जो तर्क और समाधान दिए गए उससे केवल नौजवानों को ही नहीं बल्कि देश के बुद्धि जीवियो के बीच में सार्थक और आशावादी माहौल बना है।और इसने भाजपा के लिए भी उचित वातावरण तैयार किया है। लेकिन भाजपा पिछले कई वर्षो से अनेक मुद्दों का राजनीतक लाभ उठाने से चूक गयी है उससे सीख लेते हुए अब यदि रणनीत बनाये तो बहुत सम्भावना है की मिशन 2014 में एनडीए को सफलता मिल जाये। मोदी के मिशन दिल्ली का आगाज हो चुका है अब अन्जाम तक ठीक से पहुँच जाये इसकी जिम्मेदारी टीम भाजपा की है। एक बात जो बिलकुल तय है की अब प्रधान मंत्री पद की दौड़ जो राहुल और मोदी के बीच में मानी जा रही थी उसमे मोदी ने बढत तो निश्चित ही हासिल कर ली है।
जनता दल (यू ) के नेता और बिहार के मुख्यमन्त्री नितीश कुमार जिन्होंने प्रदेश में सुशासन की एक मिसाल बनाई है और एन डी ए के जन्म से ही इसके एक प्रमुख घटक बने हुये है, ने बार -बार मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर जो आपत्ति जतायी है वह तर्क संगत नहीं है।और नितीश यह निश्चित ही नहीं चाहेगे की भाजपा के नेतृत्व में एन डी ए की सरकार केवल उनके विरोध के कारण मुश्किल में पड़े और न ही वह उस कांग्रेस पार्टी के साथ सहयोग करना चाहेंगे जिसके विरोध पर उनकी राजनीत टिकी हुयी है और उनके धुर विरोधी लालू यादव की पार्टी सहयोग कर रही है। अतः समय आने पर राजनीत के एक परिपक्व खिलाड़ी के नाते नितीश की पार्टी एन डी ए का समर्थन करेगी यही जे डी यू के हित में भी है और देश के हित में भी।
कांग्रेस पार्टी ने राहुल की ताज पोसी जल्द बाजी में की है और चुनावी साल में एन केन प्रकारेन पुन: सत्ता पर स्थापित होने के लिए हथकंडे अपनाने में लगी है।अब इसके लिए अप्रत्याशित निर्णय ले कर अपने वोट बैंक को मजबूत कर लेना चाहती है। इसी कड़ी में पहले कसाब को और फिर अफजल गुरु को फाँसी देकर जनता में एक निष्क्रिय सरकार की छवि को खतम करने का प्रयास कर रही है तो भी आतंकियों को उनके अंजाम तक पंहुचा कर एक ठीक काम किया है मज़बूरी में ही सही एक सामयिक निर्णय का समर्थन देश वासिओ द्वारा किया जा रहा है।
गुजरात के चौथी बार मुख्यमंत्री बने नरेन्द्र मोदी जी ने छै करोड़ गुजरातियो का दिल गुड गवर्नेंस के द्वारा जीत कर अब दिल्ली पर दावा ठोक दिया है। मोदी ने जिस तरह से श्री राम कालेज आफ कामर्स,नई दिल्ली में नौजवानों को सम्बोधित किया और उसमे जो भी विषय बिंदु उठाये गए औरउनके लिए जो तर्क और समाधान दिए गए उससे केवल नौजवानों को ही नहीं बल्कि देश के बुद्धि जीवियो के बीच में सार्थक और आशावादी माहौल बना है।और इसने भाजपा के लिए भी उचित वातावरण तैयार किया है। लेकिन भाजपा पिछले कई वर्षो से अनेक मुद्दों का राजनीतक लाभ उठाने से चूक गयी है उससे सीख लेते हुए अब यदि रणनीत बनाये तो बहुत सम्भावना है की मिशन 2014 में एनडीए को सफलता मिल जाये। मोदी के मिशन दिल्ली का आगाज हो चुका है अब अन्जाम तक ठीक से पहुँच जाये इसकी जिम्मेदारी टीम भाजपा की है। एक बात जो बिलकुल तय है की अब प्रधान मंत्री पद की दौड़ जो राहुल और मोदी के बीच में मानी जा रही थी उसमे मोदी ने बढत तो निश्चित ही हासिल कर ली है।
जनता दल (यू ) के नेता और बिहार के मुख्यमन्त्री नितीश कुमार जिन्होंने प्रदेश में सुशासन की एक मिसाल बनाई है और एन डी ए के जन्म से ही इसके एक प्रमुख घटक बने हुये है, ने बार -बार मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर जो आपत्ति जतायी है वह तर्क संगत नहीं है।और नितीश यह निश्चित ही नहीं चाहेगे की भाजपा के नेतृत्व में एन डी ए की सरकार केवल उनके विरोध के कारण मुश्किल में पड़े और न ही वह उस कांग्रेस पार्टी के साथ सहयोग करना चाहेंगे जिसके विरोध पर उनकी राजनीत टिकी हुयी है और उनके धुर विरोधी लालू यादव की पार्टी सहयोग कर रही है। अतः समय आने पर राजनीत के एक परिपक्व खिलाड़ी के नाते नितीश की पार्टी एन डी ए का समर्थन करेगी यही जे डी यू के हित में भी है और देश के हित में भी।
कांग्रेस पार्टी ने राहुल की ताज पोसी जल्द बाजी में की है और चुनावी साल में एन केन प्रकारेन पुन: सत्ता पर स्थापित होने के लिए हथकंडे अपनाने में लगी है।अब इसके लिए अप्रत्याशित निर्णय ले कर अपने वोट बैंक को मजबूत कर लेना चाहती है। इसी कड़ी में पहले कसाब को और फिर अफजल गुरु को फाँसी देकर जनता में एक निष्क्रिय सरकार की छवि को खतम करने का प्रयास कर रही है तो भी आतंकियों को उनके अंजाम तक पंहुचा कर एक ठीक काम किया है मज़बूरी में ही सही एक सामयिक निर्णय का समर्थन देश वासिओ द्वारा किया जा रहा है।
अजय सिंह "एकल"
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