दोस्तों ,
समय के साथ सब कुछ बदलता है। सुना था की कानून अँधा होता है वोह अमीर गरीब नहीं देखता , यह भी सुना था की कानून के हाथ बहुत लम्बे होते है और शातिर से शातिर आदमी तक कानून के लम्बे हाथ देर सबेर पहुंच ही जाते है। समय के साथ जो अनुभव आये तो पता चला की सब समीकरण बदल चुके है। कानून भी अमीर गरीब देख कर न्याय करता है। जैसा की आज मुंबई हाई कोर्ट की अदालत ने सलमान खान के केस में किया।
तेरह साल तक शेशन कोर्ट ने "हिट और रन"नाम के जिस मुकदमे को सुना और अपना निर्णय सुनाया उसे हाई कोर्ट ने एक दिन में पलट दिया। इस मुक़दमे को खतम करने की एक बार पहले भी नाकाम कोशिश सेशन कोर्ट के लेवल भी हुई थी, लेकिन न्याय मूर्ति ने उसे फिर जिन्दा किया दुबारा गवाहियाँ हुई और अंत में निर्णय भी दे दिया। सेशन कोर्ट ने कानून के अंधे होने के सिद्धांत को माना और बिना यह जाने की उसका मुजरिम बड़ा अभिनेता है और मुसलमान भी (सपा के सांसद श्री नरेश अग्रवाल ने कहा की अदालत ने सलमान की मुसलमान होने की वजह से
सजा दी है, हालाँकि बाद में उन्होंने इस पर माफ़ी भी मांगी) अपना निर्णय दे कर अदालत के लिए सब एक बराबर होते है के नियम की पुष्टि भी की। किन्तु यह ज्यादा दूर तक नहीं जा पाया और ८ किलोमीटर दूर स्थित माननीय बड़े न्यायालय के न्यायाधीश ने सलमान को सजा से फोरी राहत भी दी और उसे पुनः सुनकर निर्णय दिया जायेगा ये घोषणा भी कर दी। चलो अच्छा है कानून का बहुत दिनों तक अँधा रहना ठीक नहीं न्याय देख सुन कर ही करना चाहिए।
लेकिन ऐसा नहीं है की ऐसा केवल सलमान के केस में हुआ, कल यानि ८ मई को ही गुजरात में एक और मुक़दमे का निर्णय आया है और यह है "सत्य मेव जयते " के निर्माता निर्देशक जनाब आमिर खान। लगान फिल्म की शूटिंग के समय आमिर खान को प्रतिबंधित चिकारा नाम के एक जानवर के शिकार को फिलमाने में हुई मृत्यु के सिलसिले में गुजरात के वन विभाग ने आमिर पर मुकदमा किया था, सन २००० में हुए इस हादसे का मुकदमा २००८ से गुजरात हाई कोर्ट में चल रहा था , कल ही आमिर भाई को कोर्ट ने राहत देते हुए न्यायाधीश महोदय ने आरोप से मुक्त कर दिया।
अब इसे इत्तिफ़ाक़ माने या खुदा का रहम की दोनों खान बंधुओ को गुजरात और महाराष्ट्र के हाई कोर्ट ने एक ही दिन एक ही समय पर राहत दी। कुछ भी हो सलमान और आमिर दोनों सुपरस्टार है और फिल्म में ही नहीं असल जिंदगी में भी दबंग और ऐसे थ्री में से एक इडियट है जी कुछ भी कर सकते है, कुछ भी। इनके चाहने वाले बहुत है ये बड़े मानवता वादी काम करते है बड़े उदार दिल के है, सजा की आशंका होने और जेल जाने की सम्भावनाओ को देखते हुए सजा सुनाये जाने के एक दिन पहले से ही मिडिया और फ़िल्मी हस्तियों ने वातावरण बनाना शुरू कर दिया था ऐसे लग रहा था मानो यदि सलमान को सजा हो गई तो बहुत बड़ा अनर्थ हो जायेगा। मिडिया के इस अभियान के बीच एक खबर यह भी आई की जिन पांच लोगो को सलमान की कार से चोट लगी थी वह लोग अभी भी राहत का इन्तजार कर रहे है,सलमान के बत्तीस करोड़ रूपये जो गरीबो के बीच खर्च हुआ बताते है उन लोगो तक क्यों नहीं पहुंचे यह शक पैदा करता है की दाल में काला नहीं ,काली दाल पकाई जा रही है।
अभी जोधपुर में काले हिरन के शिकार के केस में सलमान पर एक मुकदमा और चल रहा है जिस पर निर्णय दो - तीन महीने में आने की सम्भावना है देखते है कानून तब भी अँधा बना रहेगा या आखे खोल कर न्याय करेगा जैसा की हिट एंड रन केस में हुआ है।
अजय सिंह "एकल "
1 comment:
आखिर कब तक बचेंगे | फैसला तो कभी न कभी तो आएगा | आदमी को अपने पुराने कर्मो का भुगतान तो करना ही पड़ता ही | वैसे आज जयललिता के केस का फैसला भी आ गया है और वो बरी हो गयी है | इनका भुगतान कब होगा राम जाने |
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