Friday, December 4, 2015

मोदी के मंत्र


दोस्तों ,
पिछले कई  महीनो से सहिष्णुता पर  छिड़े हुये विवाद पर  संसद में हुई बहस के दौरान मोदी जी ने जो बयान दिया उसे सुन कर ऐसा लगा की वही इस तरह बात कर  सकता है जिसने भारत की आत्मा  समझा हो। बहस में भारत के संविधान निर्माताओं ने जिन मार्ग दर्शक सिद्धांतो का जिक्र किया है उन्हें संसद में अपने भाषण  शामिल किया है उन्हें नीचे उद्धृत की गया है :

  • आईडिया ऑफ़ इंडिया - सत्यमेव जयते 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-अहिंसा परमोधर्म:
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-एकम सद्विप्रा:बहुधा 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-पौधे में भी परमात्मा होते है 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-वसुधैव कुटुंबकम 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-सर्वपन्थ सम्भाव 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-अप्प दीप भव 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-तेन त्यक्तेन भुंजिता 
  •  आईडिया ऑफ़ इंडिया-सर्वे भवन्तु सुखिना: सर्वे सन्तु निरामया: सर्वे भद्राणि पश्च्यन्तु माँ कश्चित् भाग्भवेत
  •  आईडिया ऑफ़ इंडिया- न त्वहं कामये राज्यम ,न मोक्षम् न पुनर्भवेत् कामये दुःख -तत्पनाम प्राणिनाम आतिरनाशनम्
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड़ पराई जाने रे 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-जनसेवा ही प्रभु सेवा 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-सहना भवतु साहनो भुनक्तु सह वीर्यम् करवावहै 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया- नर करनी करे तो नारायण हो जाये
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-नारी तो नारायणी 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-यत्र नारायस्ते पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-आनो भद्र: कृत्वो यन्तु विस्वतः 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरियसि  
 अजय सिंह "जी एस के"

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