Sunday, April 2, 2017

जूते की अभिलाषा



चाह नही मैं विश्व सुंदरी के
पग में पहना जाऊँ,

चाह नही दूल्हे के पग में रह
साली को ललचाऊँ।

चाह नहीं धनिकों के चरणो में, 
हे हरि डाला जाऊँ,

ए.सी. में कालीन पे घूमूं
और भाग्य पर इठलाऊ।

बस निकाल कर मुझे पैर से 
उस मुंह पर तुम देना फेंक,

जिस मुँह से भी निकल रहे हो 
देशद्रोह के शब्द अनेक !

 
                जय हिंद, जय भारत.

जीवन की सीख



मौन प्रार्थना जल्दी पहुँचती हैं गुरु तक 
क्यों की मुक्त होतीं हैं शब्दों के बोझ से।


सलाह गलत हो सकती है,   साथ नहीं"
 
मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को
कभी मत मिलाईयेगा !!
क्योंकि मेरा व्यक्तिव मै हूँ और मेरा
व्यवहार आप पर निर्भर करता है.!
 
 
 हर नजर में मुमकिन नहीं है, बेगुनाह रहना,

वादा ये करें की खुद,की नजर में बेदाग रहें।
 
यहाँ सब खामोश हैं, कोई आवाज़ नहीं करता, 
बोल के सच, कोई किसी को नाराज़ नहीं करता..!!
 

जीवन का सच


 

मैं गिरा,और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे..! 

पर.....

लोग मुझे गिराने मे कई बार गिरे...!!


सवाल जहर का नहीं था वो तो मैं पी गया,

तकलीफ लोगों को तब हुई, जब मैं जी गया।

 

  कौन कहता हैं साहब,की नेचर और सिग्नेचर कभी बदलता नही।।_

साहब,, बस एक चोट की दरकार हैं।।_

अगर ऊँगली पे लगी,, तो सिग्नेचर बदल जाएगा।।

और दिल पे लगी,, तो नेचर बदल जाएगा।

 

 

 
 
 
 

जीवन की सीख




जो आनंद अपनी छोटी पहचान बनाने में है,
वो किसी बड़े की परछाई बनने में नहीं है.
 
 बेहिसाब हसरतें भी पालिए,
मगर जो मिला है उसे पहले सम्भालिए.
 
बेवजह अच्छे बनो,
वजह से तो बहुत बनते हैं।
 
होने वाले ख़ुद ही अपने हो जाते हैं,
किसी को कहकर,अपना बनाया नहीं जाता.
 
 टूटा हुआ फूल खुश्बू दे जाता है,
बिता हुआ पल यादें दे जाता है.
हर शख्स का अपना अंदाज़ होता है,
कोई ज़िंदगी मे प्यार,तो कोई प्यार मे ज़िंदगी दे जाता है.
 
 एक जैसी ही होती हैं ये चिनगारियां,
कोई दीप जलाती हैं तो कोई आशियाँ.
मत पहनाओ इन्हें शर्तों का लिबास,
रिश्ते तो बिंदास ही अच्छे लगते हैं.
 
 
 तालाब सदा कुँऐ से कइ गुना बड़ा होता है,
फिर भी लोग कुँऐ का पानी पीते थे,
क्योंकि कुँऐ में गहराई और शुद्धता होती है.
 
 
मनुष्य का बड़ा होना अच्छी बात है,
लेकिन उसके व्यक्तित्व में गहराई और विचारों में शुद्धता होनी चाहीए.

कुछ दर्द होना ही चाहिए जिंदगी में,
ज़िंदा होने का अनुमान बना रहता है.