Saturday, June 23, 2012

गेट वेल सून

प्रिय मित्रो ,
कभी स्वास्थ्य लाभ की  शुभ कामना देने के लिए प्रयोग किया जाने वाले  शब्द अब यदि कोई किसी को कहता है तो स्वीकार करने वाले को यह सोचना पड़ जाता और जवाब में वोह पूछता है   "व्हाट   डू यू  मीन ". मुन्ना भाई  फिल्म मे इसका प्रयोग गाँधी गिरी के लिए किया गया था. यह स्थिति तब से और बिकट हो गयी  है जब से मोदी के लिए इस तरह के पोस्टर लगाये गएँ है . मुझे नहीं पता की मोदी के लिए ये पोस्टर क्यों और किसने लगाये है लेकिन जो समाचार आ रहे है उससे ऐसा लगता है की यह मोदी के द्वारा की जाने वाली कथित ज्यादितियो  के खिलाफ विरोधियो द्वारा उठाया गया एक  कदम है .

लेकिन यह सबकुछ  समझने के बाद अब मैं भी थोड़ा उलझन मैं हूँ किस किस को गेट वेल सून  कहूँ।सत्ता मैं बैठे हुए सारे  लोग ही बीमार नजर आ रहें हैं। और आम जनता इनकी हरकतों से बीमार होने के कगार पर है लेकिन सत्ताधीशो के कान पर जूँ ने भी रेंगने से मना कर दिया है .

सरकार ने एक आदेश निकाल कर फजूल खर्ची पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया, जिसमे मंत्री और अधिकारिओ द्वारा की जाने वाली विदेश यात्राएँ  भी शामिल  थी साथ ही  जरुरी यात्राओ  के लिए 46 करोड़ का इंतजाम भी बजट  में किया गया था .एक  आर  टी  आइ  प्रार्थना पत्र के जवाब मैं सरकार ने बताया की अब तक दस गुना ज्यादा यानि लगभग  500 करोड़ इस मद में खर्च हुए है . इसमें करीब 2.43 करोड़ केवल  जनाब मोंटेक  सिंह अहलुवालिया ने खर्च किये है .यह भारत  सरकार  के वही साहेब  हैं जिनका कहना है यदि  कोई 29 रूपये रोज  कमाता है तो वह  गरीबी रेखा के ऊपर है और सरकार ऐसे लोगो को दी जाने वाली  सब्सिडी का खर्च नहीं उठा सकती है .इसलिए  पेट्रोल  के ,खाद  के गैस  के यानि गरीबो द्वारा इस्तेमाल  की  सारी  चीजो से  सब्सिडी हटा  दी जाये ,यदि महंगाई बढती है तो बढ़ जाये सरकार गरीबो का बोझ नहीं उठा सकती है . ठीक ही है  सरकार केमंत्री और  अधिकारिओ की विदेश यात्राओं  में  ही इतना ज्यादा खर्च हो जाता है तो फिर दोहरा खर्च सरकार थोड़ी उठाएगी । अब आम आदमी क्या करे वोह तो मोंटेक सिंह और उनका भार उठानेवाली सरकार  को  गेट वेल  सून की दुआ ही कर सकता है ताकी गूंगी बहरी सरकार  को आम आदमी की आवाज सुनाई  पड़ने लगे।

यूँ तो महामहिम बनने के बाद प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने अपने कार्य काल  मैं अनेक मानदंड स्थापित किये है  जो वर्षो तक लोगो द्वारा याद किये जायेंगे. किन्तु एक काम ऐसा भी किया जो दुनिया मैं केवल वाही करसकती थी . आप भी आश्चर्य मैं पड़ गए होंगे मेरी बात सुन कर . क्योकीं  उनके कार्यकाल में कोई काम हुआ हो येसा  याद नहीं आता तो फिर ऐसा क्या काम उन्होंने कर दिया  है जो दुनिया मैं केवल वही कर सकी .जी हां महामहिम ने अपने कार्यकाल मैं जिन 35 लोग, जिन्हें   फाँसी की सजा  विभिन्न अदालतों ने दी थी को क्षमा दान दिया उनमे एक बंदू  बाबूराव  तिड़के नामक  सख्स ऐसा है जिसकी मृत्यु 2007 मैं हो चुकी हैं उसे महामहिम ने फांसी  की सजा माफ़ कर  जीवन  दान दे दिया है।अब आपको समझ  आ गया होगा की ऐसा केवल वही करसकती है।यदि महामहिम को बुरा न लगे तो मैं भी उनके लिए भारत के दूसरे आम नागरिको के साथ  यही दुआ कर सकता हूँ की भगवान महामहिम को जल्द ठीक करे यानि गेट वेल  सून ताकि अगला एक महीना ठीक से गुजर जाये और   जब वह कुर्सी से हटे तो  भूत पूर्व कहलाये अभूतपूर्व नहीं।



एक  और मजेदार समाचार यह है की आम आदमी जिसको एक गैस सिलिंडर 21दिन मैं मिलता है और जिस पर भारत सरकार सब्सिडी ख़तम करने की बात लगभग हर महीने करती है उसका उपयोग सरकार और उसके मंत्री सबसे ज्यादा करते है . उदाहरण के लिए उपराष्ट्रपति साहेब ने साल मैं 171 सिलिंडर इस्तेमाल कर लिए यानि हर दूसरे दिन एक .भाजपा के शाहनवाज साहब ने  56 यानि हर हफ्ते एक और विदेश राज्य मंत्री परनीत कौर साहिबा ने 79 हर पांचवें दिन एक .और ये हाल तो तब है जब डाक्टर ने सबकुछ खाने पीने  पर प्रतिबन्ध लगा रखा .भगवान जाने अगर ये लोग स्वस्थ हो जाये और आम आदमी की तरह दो टाइम  खाने -पीने लगे तो  न जाने यह कितने सिलंडर खर्च करेंगे. हम लोगों को यानि आम आदमी को उसकी जरुरत भर गैस सिलिन्डर मिलते रहे इसलिए  हम तो यही दुआ करेंगे और  कहेंगे डू नाट  गेट वेल  सून  नहीं तो हमारा चूल्हा कैसे जलेगा .यानि देश हित मैं इनका बीमार होना ही अच्छा .
और अन्त में 


                          अभी जमीर में थोड़ी सी  जान बाकी है 
जो था वोह सब  ख़त्म हुआ,
बस कुछ निशान  बाकी है 
अभी तो सिर्फ आप परेशान है मुझसे 
जबकि पूरा हिन्दोस्तान बाकी है 






अजय सिंह"एकल "

Thursday, June 14, 2012

मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की

मित्रो ,
मर्ज  बढ़ता गया ज्यों-ज्यों  दवा की,यह बात जब मैंने अपने एक मित्र से कही तो वह तपाक से बोला क्या सरकारी अस्पताल मैं गए थे? मैं आश्चर्य में था और उससे   पूछा तुम्हे कैसे मालुम तो वह  बोला, देखो कैसे पहले इंजिनयरिंग  की दो प्रवेश परीक्षाये  होती थी, एक आइ आइ टी की और दूसरी ए आइ ई ई ई की . सरकार ने उसको हटा कर एक कर दिया नतीजा,  अब  करीब -करीब  सारे आइ आइ टी अपनी-अपनी  प्रवेश परीक्षा करंगे। कानपुर आइ आइ टी ने घोषणा कर दी  है बाकी  लाइन मे  है . नतीजा छात्रों की समस्याए कम होने के बजाय बढ गयी .पहले दो की तैयारी करने का दबाव था अब पन्द्रह का है और मर्ज  ऐसे ही बढ़ता रहा तो भगवान ही मालिक है.

यदि      आपको अभी   भी शक है तो सरकार के   कामन वेल्थगेम
 के समय शुरू हुए कनाट प्लेस के सुन्दरी करण का हाल देख लीजिये
 दो साल  ख़तम  होने को है लेकिन  वहां के  दुकान दारो  का दुकान में सीवर के पानी के घुसने का डर अभी भी बना हुआ  है  (You can read news by clicking on link) नतीजा सुन्दर होना तो दूर नए समस्या पैदा हो गयी है जिसका इलाज अब वहा के लोग धुड्ने  मैं लगे है. अब तो हो गया न विश्वास  की मर्ज बढ़ता गया ............


बचपन मैं एक कहानी सुना करते थे l एक मास्टर साहब  अपनी क्लास मैं बच्चो को पढ़ा रहे थे गंगा भोपाल होकर बहती है ,प्रिंसिपल साहब  को जब पता चला उन्होंने मास्टर से उसका स्पष्टी करण  को कहा तो उनका जवाब था की जितने पैसे आप देते हो उतने मैं तो गंगा भोपाल से ही बहेगी पूरे  पैसे दो तो मैं गंगा को कानपुर हो कर बहाऊंगा .बात मजाक की थी और चुटकुले की तरह सुनाई जाती  थी,पर अब इसको सच कर दिखाया है टेरी ने .दरअसल,पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने नेशनल गंगा रिवर  बेसिन अथारटी (NBRA) के लिए जो रिपोर्ट टेरी (Tata Energy Research Institute )  ने तैआर  की है उसमे पृष्ठ संख्या 124  पर गंगा नदी को बिहार के गया शहर से बहता बताया गया है (You can down load the report by clicking on link) मुझे नहीं पता  ऐसी  भूल गलती से हुयी है या जानबूझ कर .

भारत में  राष्ट्रपति का चुनाव इसबार काफी दिलचस्प है ,प्रणव दादा और हामिद अंसारी तो लाइन मैं थे ही, मुलायम और ममता की जुगल बंदी ने प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के नाम को प्रस्तावित करके शायद यह बताने की कोशिश  की है की उनकी सही जगह राय सीना हिल्स पर है क्योंकि वहां पर आम तौर पर उन्ही लोगो को भेजा जाता है जो सत्ता पार्टी और उसके नेतृत्व के लिए  वफ़ादारी के साथ रबड़ की मोहर की तरह काम कर सके और मनमोहन सिंह इसके लिए बिलकुल उपुयुक्त है और इसका सबूत  उन्होंने पिछले 8 सालो में दे दिया है. प्रधान मंत्री रहते हुए अपनी वफ़ादारी पर कोई शक  करने  की  वजह  नहीं बनने  दी  और  रबर  स्टैम्प से  ज्यादा
कुछ करने कि बात  सपने मैं भी नहीं सोची .

 स्टैण्डर्ड एंड पुअर नामक साख रेटिंग अन्तराष्ट्रीय एजेंसी ने देश की साख जंक मैं परिवर्तित करने की बात कह कर सरकार और व्यापर जगत में भूचाल ला दिया है.उस पर एस  एंड  पी  का यह कहना  की   यू पी ऐ  की   संगठन  प्रमुख श्रीमती सोनिया के नेतृत्व वाले  समूह में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है इसलिए देश का आर्थिक विकास रुक गया है,भारतीय   करेंसी  साख खो रही रही है,उद्योग, धंधे चौपट हो रहे है इसलिए  भारत की साख  दावं पर है. और यदि स्थिति  में सुधार  नहीं हुआ तो  बाकि रही सही भी साख  ख़तम हो जायेंगी .जंक  ग्रैड  होने से नया निवेश नहीं आयेगा और पुराना भी वापस हो जायेगा क्योंकि भारत  निवेश  के लिए सेफ  नहीं रहेगा कुल मिला कर बँटाधार होने की तैयारी है।  कहते है कि  नीरो   उस समय बंसी बजा रहा जब रोम मैं आग लगी थी,इसलिए इस  बन्टाधारी  मैं मुझे  नया कुछ नहीं दीखता है, यू पी ऐ की नेत्री जो रोम से ही आयी है  वह भी कुछ  स्वाभाविक  गुड़ नीरो के ले कर  आयी होंगी, क्योंकि  आग  लगी दिख  रही है और फायर  ब्रिगेड की घंटी (बांसुरी  का संगीत) भी सुनाई दे रही  है।


                                            और अंत मैं 


मर्जे इश्क पर रहमत खुदा की  

मर्ज बढ़ता ही गया ज्यो -ज्यो दवा  की 
                     
                                                 मोमिन खान मोमिन 






              अजय सिंह "एकल"