Thursday, December 31, 2015

सोने की चिड़िया भारत

 
 

 दोस्तों ,

जिंदगी में कभी -कभी ऐसे क्षण आते की समझ में नहीं  आता  की रोऊँ या हसूँ। साल खत्म होते होते टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपे एक संचार को पढ़ने  के बाद मेरा यही हाल हुआ,अब यह आप पर निर्भर करता है की आपको यह कैसा लगता है। 

समाचार यह है की देश  अनुमानित साढ़े तीन लाख भिखारिओ में करीब पाँचवा हिस्सा यानि 70000 लोग कम से कम सीनियर सेकेंडरी अर्थात 12 वी पास है। मुझे लगा की सोने चिड़या कहा जाने वाला यह देश वाकई महान है। जहाँ के भिखारी भी  इतना पढ़े लिखे हो उस देश का यारों क्या कहना। 

लेकिन यही डिस्कशन जब मैंने अपने मित्र से किया तो उन्होंने तो पूरे आधे घंटे का भाषण यह समझाने के लिए से डाला की 1835 में   मैकाले  नामक अगंरेज ने हिंदुस्तान में आकर यहाँ की शिक्षा व्यस्था इतनी ख़राब करवा दी किअब इस देश में ज्यादातर लोग इसी मानसिकता के  है हालांकि उनका व्यसाय भीख माँगना ही हो यह आवश्यक नहीं है। उदाहरण के लिये देश के स्वतन्त्र होने के करीब ६८-६९ वर्षो के बाद भी हमारे नेता लोग पूरी दुनियाँ में जा जा कर और देश की गरीबी का रोना रो कर हर तरह की सहायता प्राप्त करने में महारथ रखते है। उनकी पूरी कोशिश रही की देश का स्वाभिमान जागने न पाये और किसी हद तक मैं उन्हें अपने काम में सफल भी मानता हूँ। 

मागने की आदत केवल नेतावों की है  यह कहना भी शायद उनके साथ ज्यादती होगी। देश के किसी भी मन्दिर में आप जाये तो आपको पता चलेगा की गरीब आदमी मंदिर के बाहर और अमीर मंदिर के अन्दर कुछ न कुछ मागने में ही लगा हुआ है।  इतना ही नहीं  इससे भी एक कदम आगे चले और अच्छी खासी आमदनी वाले  से भी यदि आप किसी की सहायता करने के लिये निवेदन करें तो वोह आपको अपंना ही दुखड़ा सुनाने लग जायेगा और थोड़ा चालाक हुआ तो पिछले दिनों उसने कहाँ - कहाँ दान किया है इसका पूरा विवरण आपको  देकर कर विश्वास दिला देगा  की इस युग में कर्ण वही है। 

चलिए हम भी कहा  से कहा पहुँच गये। जिन्दगी का  एक और   वर्ष  खत्म होने में बस २० घण्टे बचे है। जल्दी से 2015 में  कुछ करना बचा है उसे फटाफट निपटाया जाये ताकि नए साल में हम अपना हुनर फिर दिखा सके। और जाते हुये साल को अलबिदा कहकर नए का स्वागत करे।


 और अन्त में 

 क्या किया मैंने  अधिक ,जो नहीं कर चुका संसार अबतक
वृद्ध जग को क्यों अखरती है क्षणिक मेरी जवानी
मैं छिपाना जानता  तो जग मुझे साधु समझता
शत्रु मेरा बन गया है छल रहित व्यहार मेरा।
                                                                             --हरिवंश राय बच्चन 

अजय सिंह "जे  एस के "


मोदी की बिना योजना लाहौर यात्रा


कवि गौरव चौहान: (मोदी की बिना योजना लाहौर यात्रा का विरोध करने वालों को जवाब देती मेरी नई कविता)
रचनाकार-गौरव चौहान इटावा उ प्र 9557062060

 
जिसकी आँखों में भारत की उन्नति का उजियारा है,
जिसकी गलबहियां करने को व्याकुल भी जग सारा है,
अमरीका जापान चीन इंग्लैंण्ड साथ में बोले हैं,
  घूम घूम कर जिसने दरवाजे विकास के खोले हैं,


जिसके सभी विदेशी दौरे सफल कहानी छोड़ गए,
बड़े बड़े तुर्रम खां तक भी हाथ सामने जोड़ गए,
यूरेनियम दिया सिडनी ने,रूस मिसाइल देता है,
बंगलादेश सरहदों पर चुपचाप सुलह कर लेता है,

उन्ही विदेशी दौरों की अब खिल्ली आज उड़ाते हैं?
देश लूटने वाले उसको कूटनीति सिखलाते हैं,
कायम था ग्यारह वर्षों से,वो वनवास बदल डाला,
मोदी ने लाहौर पहुंचकर सब इतिहास बदल डाला,

जिस धरती पर हिन्द विरोधी नारे छाये रहते हैं,
जिस धरती पर नाग विषैले मुहँ फैलाये रहते हैं,
जिस धरती पर हाफ़िज़ जैसे लेकर बैठे आरी हों,
और हमारे मोदी जी की देते रोज सुपारी हों,

जहाँ सुसाइड बम फटते हैं रोज गली चौराहों में,
बारूदी कालीन बिछी है जहाँ सियासी राहों में,
जहाँ होलियाँ बच्चों के संग खेली खूनी जाती हों,
बेनजीर सी नेता भी गोली से भूनी जाती हों,

उसी पाक में पहुंचे मोदी,शोर मचाया संसद ने,
सभा बीच रावण की देखो पैर जमाया अंगद ने,
बिना सुरक्षा बिना योजना जाना एक दिलेरी है,
लगता है उलझन सुलझाने में कुछ पल की देरी है,

लाहौरी दरबार समूचा ही अंगुली पर नाचा है,
पड़ा मणीशंकर के गालों पर भी एक तमाचा है,
ये गौरव चौहान कहे अब देखो जिगरा मोदी का,
जांबाजी से भरा हुआ है कतरा कतरा मोदी का,

अंगारों को ठंडा करदे,उसे पसीना कहते है,
इसको ही तो प्यारे छप्पन इंची सीना कहते हैं,
------कवि गौरव चौहान(कृपया मूलरूप में ही शेयर करें,कटिंग,पेस्टिंग और जरा सी भी एडिटिंग न करें)

                                                     और  अन्त में 
 बगैर  पाकिस्तानी  वीज़ा लिए अपने 120 सिपहसालारों के साथ
पाकिस्तान में मौजूद था हमारा  पीएम मोदी


ये देख अभिनेता राजकुमार का एक डायलॉग फिर याद आ गया


जानी ,,,,, हम तुमसे मिलेंगे ,,ज़रूर मिलेंगे
लेकिन वो ज़मीन भी तुम्हारी होगी,,,,
प्लेन भी तुम्हारा होगा,,,
पार्टी भी तुम्हारी होगी,,,
लेकिन वक़्त हमारा होगा।
अजय सिंह "जे एस के "

Saturday, December 26, 2015

निर्भया काण्ड के आरोपी की रिहाई के विरुद्ध भारत की आवाज

निर्भया काण्ड के आरोपी की रिहाई के विरुद्ध भारत की न्याय व्यवस्था को निर्भया के स्वर में धिक्कारती नयी कविता। स्वयं पढ़ें और अधिक से अधिक शेयर करें। नीति नियन्ताओं के कानों तक पहुंचनी चाहिये निर्भया की आवाज।
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जिसके वहशीपन से मेरी सांस का धागा टूट गया
बहुत दुखी हूँ तुम्हें बताते मेरा कातिल छूट गया
रौंद गया जो मेरे सपने जिसने मुझको मारा था
केवल मेरा नहीं था वो मानवता का हत्यारा था

मेरी भी अभिलाषा थी मैं खूब उड़ूँ पक्षी बनकर
लेकिन मेरे जीवन में वो आया नरभक्षी बनकर
सीधा साधा मेरा जीवन, कुछ घंटों में बदल गया
सुनकर जिसका क्रूर कृत्य दिल बड़े बड़ों का दहल गया

जिसके कुकृत्य से शर्मशार भारत माता की कोख हुई
उसकी सजा बढ़ाने को जब हाईकोर्ट से रोक हुई
तब मुझे लगा कि भारत शायद अब भी जाग नहीं पाया
किसको कौन सजा देनी है यह भी जान नहीं पाया

उसको बच्चा मान लिया जो जल्लादों से बद्तर है
सच कहती हूँ आज की पीड़ा उस पीड़ा से बढ़कर है
मेरा कातिल निर्भय होकर जब सड़कों पर घूमेगा
लाचार व्यवस्था पर भारत की बच्चा बच्चा थूकेगा

न्याय की आशा में थी मैं तो मेरे संग में घात हुआ
मेरे संग भी वही हुआ जो अरुणा जी के साथ हुआ
सिंघासन पर मुट्ठी भींचे द्रोण नहीं हो सकती हूँ
मौन रहो तुम लोग मगर मैं मौन नहीं हो सकती हूँ 

मैं पूछ रही हूँ तुम सबसे क्या किया करोगे क्या आगे
जिससे कोई किसी बहन की लाज की देहरी न लांघे
इस अंधे कानून की आँखों से पट्टी हटवाने में
कितनी लाशें और लगेंगी ये पट्टी खुलवाने में

Friday, December 11, 2015

हिट एंड रन, बड़े आराम से

दोस्तों,
कल सलमान खान के हिट एंड रन केस का निर्णय हाई कोर्ट ने सुना दिया। कोर्ट ने कहा की सलमान के खिलाफ सुबूत पुख्ता न  होने के कारण सन्देह का लाभ उन्हें देते हुए केस से रिहा कर दिया गया है। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की,कि पुलिस के जिन लोगों ने इस केस की जाँच की उन्होंने उसमें अनेक गलतियाँ की जिससे केस कमजोर हुआ और गुनाह साबित नहीं हो सका। लेकिन कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ किसी कार्यवाही किये जाने
का कोई आदेश नहीं दिया। पूरे केस में अब तक तेरह साल निकल गये है। यदि केस को लेकर महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट  तो कुछ और साल आराम से निकल जायेंगे। घटना में जिस गरीब की मृत्यु हुई उसके परिवार वालों को इस निर्णय से घोर  निराशा हुई जो उनकी अंतिम उम्मीद थी।

इस निर्णय की चारों तरफ चर्चा हो रही है। सुरेश जरीवाला मोदी के बड़े मुस्लिम समर्थक है और गुजरात से आते है उन्होंने कहा की " हम तो पहले से कह रहे थे की सलमान निर्दोश और उन्हें जान कर फँसाया  गया था। कई और नामी गिरामी फ़िल्मी और सामाजिक  हस्तियों ने भी अपने ऐसे ही विचार प्रकट किये हैं । 

इस निर्णय से मुझे एक ज्ञान तो यह हुआ की न्यूटन का  दूसरा नियम "हर एक्शन का बराबर और उल्टा रिएक्शन" होता है  को नयी तरह परिभाषित करने  जरुरत महसूस हो रही है। नई परिभाषा कुछ ऐसी होगी "हर  एक्शन  रिएक्शन होता है लेकिन यह कब होगा, कितना होगा और होगा भी  नहीं होगा यह समय, जगह और किन  लोगो के  बीच होना है पर निर्भर करेगा। उदाहरण  के लिए यदि आपको चींटी काट ले तो आप नहीं काट सकते ,हाथी अपनी सूंड़ में लपेट कर फेक दे  तो भी आप  इसके बराबर और उलटी रिएक्शन  नहीं सकते है। यदि कोई मुस्लिम किसी हिन्दू को  गाली दे और आप हिंदुस्तान  है तो इसकी रिएक्शन  आपको इजाजत नहीं  सकती और यदि उसने आपको मार दिया हो तो उसे सक  आधार पर छोड़ा सकता है लेकिन यदि कोई हिन्दू किसी मुस्लिम को गाली दे  रिएक्शन आपकी पिटाई और जेल दोनों  सकती है और यदि हिन्दू ने मुसलमान की पिटाई  कर दी तो आपको दंगा फैलने  के डर से या उसके आरोप  जेल  तो होगी ही साथ ही आप की  सम्पति इत्यादि  जब्त  सकती है। अतः न्यूटन के   दूसरे नियम के बारे  में आप अपनी समझ को जितनी  जल्दी  ठीक कर सके उतना ही सुरक्षित आप अपने को महसूस कर  सकते है। 

इस निर्णय से दूसरी यह बात भी समझ आ गई वैसे तो शक सन्देह करना बहुत बुरा माना जाता है और इसे न करने की सीख हमेशा हम अपने लोगो तो देते रहते है लेकिन। इसके कुछ अनकहे लाभ भी है इसलिये मौका देख कर कभी कभी शक  संदेह करना देश हित  में होता है और इससे आप के पैसे कमाने की सम्भावनाये भी बढ़ती है और इज्ज़त भी। इसका क्या और कितना लाभ मिलेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा की आपके शक की क्वालिटी और उसकी टाइमिंग क्या है और उससे दूसरे आदमी का क्या और कितना लाभ हो सकता है। यानि न्यूटन का नियम यहाँ भी लागू होगा।

मुझे पूरी उम्मीद है जैसे इस नियम बारे में संशोधन बताने से आइन्स्टीन को नोबल प्राइज मिला था,उसी तरह  मेरा नाम भी इस बार के भारत रत्न के लिए रिकमेंड किया जायेगा। अन्यथा अपनी कथा की व्यथा लेकर मैं यूनाइटेड नेशन जाने के लिए स्वतंत्र हूँ। कम से कम इतनी रिएक्शन तो मेरा अधिकार है। 

अजय सिंह "जे एस के "

 


Friday, December 4, 2015

मोदी के मंत्र


दोस्तों ,
पिछले कई  महीनो से सहिष्णुता पर  छिड़े हुये विवाद पर  संसद में हुई बहस के दौरान मोदी जी ने जो बयान दिया उसे सुन कर ऐसा लगा की वही इस तरह बात कर  सकता है जिसने भारत की आत्मा  समझा हो। बहस में भारत के संविधान निर्माताओं ने जिन मार्ग दर्शक सिद्धांतो का जिक्र किया है उन्हें संसद में अपने भाषण  शामिल किया है उन्हें नीचे उद्धृत की गया है :

  • आईडिया ऑफ़ इंडिया - सत्यमेव जयते 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-अहिंसा परमोधर्म:
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-एकम सद्विप्रा:बहुधा 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-पौधे में भी परमात्मा होते है 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-वसुधैव कुटुंबकम 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-सर्वपन्थ सम्भाव 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-अप्प दीप भव 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-तेन त्यक्तेन भुंजिता 
  •  आईडिया ऑफ़ इंडिया-सर्वे भवन्तु सुखिना: सर्वे सन्तु निरामया: सर्वे भद्राणि पश्च्यन्तु माँ कश्चित् भाग्भवेत
  •  आईडिया ऑफ़ इंडिया- न त्वहं कामये राज्यम ,न मोक्षम् न पुनर्भवेत् कामये दुःख -तत्पनाम प्राणिनाम आतिरनाशनम्
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड़ पराई जाने रे 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-जनसेवा ही प्रभु सेवा 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-सहना भवतु साहनो भुनक्तु सह वीर्यम् करवावहै 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया- नर करनी करे तो नारायण हो जाये
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-नारी तो नारायणी 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-यत्र नारायस्ते पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-आनो भद्र: कृत्वो यन्तु विस्वतः 
  • आईडिया ऑफ़ इंडिया-जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरियसि  
 अजय सिंह "जी एस के"