Thursday, December 31, 2015

मोदी की बिना योजना लाहौर यात्रा


कवि गौरव चौहान: (मोदी की बिना योजना लाहौर यात्रा का विरोध करने वालों को जवाब देती मेरी नई कविता)
रचनाकार-गौरव चौहान इटावा उ प्र 9557062060

 
जिसकी आँखों में भारत की उन्नति का उजियारा है,
जिसकी गलबहियां करने को व्याकुल भी जग सारा है,
अमरीका जापान चीन इंग्लैंण्ड साथ में बोले हैं,
  घूम घूम कर जिसने दरवाजे विकास के खोले हैं,


जिसके सभी विदेशी दौरे सफल कहानी छोड़ गए,
बड़े बड़े तुर्रम खां तक भी हाथ सामने जोड़ गए,
यूरेनियम दिया सिडनी ने,रूस मिसाइल देता है,
बंगलादेश सरहदों पर चुपचाप सुलह कर लेता है,

उन्ही विदेशी दौरों की अब खिल्ली आज उड़ाते हैं?
देश लूटने वाले उसको कूटनीति सिखलाते हैं,
कायम था ग्यारह वर्षों से,वो वनवास बदल डाला,
मोदी ने लाहौर पहुंचकर सब इतिहास बदल डाला,

जिस धरती पर हिन्द विरोधी नारे छाये रहते हैं,
जिस धरती पर नाग विषैले मुहँ फैलाये रहते हैं,
जिस धरती पर हाफ़िज़ जैसे लेकर बैठे आरी हों,
और हमारे मोदी जी की देते रोज सुपारी हों,

जहाँ सुसाइड बम फटते हैं रोज गली चौराहों में,
बारूदी कालीन बिछी है जहाँ सियासी राहों में,
जहाँ होलियाँ बच्चों के संग खेली खूनी जाती हों,
बेनजीर सी नेता भी गोली से भूनी जाती हों,

उसी पाक में पहुंचे मोदी,शोर मचाया संसद ने,
सभा बीच रावण की देखो पैर जमाया अंगद ने,
बिना सुरक्षा बिना योजना जाना एक दिलेरी है,
लगता है उलझन सुलझाने में कुछ पल की देरी है,

लाहौरी दरबार समूचा ही अंगुली पर नाचा है,
पड़ा मणीशंकर के गालों पर भी एक तमाचा है,
ये गौरव चौहान कहे अब देखो जिगरा मोदी का,
जांबाजी से भरा हुआ है कतरा कतरा मोदी का,

अंगारों को ठंडा करदे,उसे पसीना कहते है,
इसको ही तो प्यारे छप्पन इंची सीना कहते हैं,
------कवि गौरव चौहान(कृपया मूलरूप में ही शेयर करें,कटिंग,पेस्टिंग और जरा सी भी एडिटिंग न करें)

                                                     और  अन्त में 
 बगैर  पाकिस्तानी  वीज़ा लिए अपने 120 सिपहसालारों के साथ
पाकिस्तान में मौजूद था हमारा  पीएम मोदी


ये देख अभिनेता राजकुमार का एक डायलॉग फिर याद आ गया


जानी ,,,,, हम तुमसे मिलेंगे ,,ज़रूर मिलेंगे
लेकिन वो ज़मीन भी तुम्हारी होगी,,,,
प्लेन भी तुम्हारा होगा,,,
पार्टी भी तुम्हारी होगी,,,
लेकिन वक़्त हमारा होगा।
अजय सिंह "जे एस के "

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