Monday, February 16, 2015

AK 49 to AK 67

दोस्तों,
यह राजनीत भी बड़ी अजीब चीज है। द्वापर  में हुए महाभारत से कलयुग में संपन्न दिल्ली के चुनाव तक कुछ भी नहीं बदला। भगवान श्री कृष्ण  ने अर्जुन को जो   उपदेश  महाभारत  के मैदान कुरुक्षेत्र में दिल्ली से करीब १५० किलोमीटर दूर ५००० साल पहले दिया था उसे कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी  ने ठीक  से समझा  और आत्मसात  भी कर लिया और किसी को  पता  तक न चला . एक बार तो  बात को अरविन्द केजरीवाल ने  प्रचार के दौरान  कहा भी था की मोदी  पास तमाम साधन है पूरी केंद्र सरकार है लेकिन मेरे पास जनता  का आशीर्वाद है , बस लोगों ने  समझा नही ।

इसलिए हे राहुल  भैया और भारत देश के वर्तमान खेवैया मोदी जी जरा समझने की कि "जो हुआ, वह अच्छा हुआ। जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है। जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा और क्यों व्यर्थ चिन्ता करते हो?
किससे व्यर्थ डरते हो?तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो? तुम क्या लाये थे, जो तुमने खो दिया? तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया? न तुम कुछ लेकर आए, जो लिया यहीं से लिया। जो दिया, यहीं पर दिया।' तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो? 
 तुम क्या लाये थे, जो तुमने खो दिया? तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया? न तुम कुछ लेकर आए, जो लिया यहीं से लिया। जो दिया, पर दिया।



लेकिन  हे श्री मान अरविन्द   केजरीवाल जी एक बात ध्यान से सुन लो "जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का था, परसों किसी और का होगा। तुम इसे अपना समझकर मग्न हो रहे हो। बस, यही प्रसन्नता तुम्हारे दुखों का कारण बन  सकती है इसलिए अपने किये हुए वायदों को जरा याद  रखना नही तो याद रखना जनता ने तुम्हे AK 49 अर्थात पहले ४९  दिनों का राजा बनाया था  अब  साल का का  भी पूरे 67 विधयाको  साथ इसे जाने  केवल 1825  ही शेष रह गए है। यानि जीवन मिलने के साथ ही मृत्यु की उलटी गिनती शुरू  हो जाती है।

और अंत में
जनता ने तुमको दिया जो भी मान सम्मान 
जग में कुछ  स्थाई नहीं इसका रखना ध्यान
अजय सिंह "एकल"




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