Sunday, April 2, 2017

जीवन का सच


 

मैं गिरा,और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे..! 

पर.....

लोग मुझे गिराने मे कई बार गिरे...!!


सवाल जहर का नहीं था वो तो मैं पी गया,

तकलीफ लोगों को तब हुई, जब मैं जी गया।

 

  कौन कहता हैं साहब,की नेचर और सिग्नेचर कभी बदलता नही।।_

साहब,, बस एक चोट की दरकार हैं।।_

अगर ऊँगली पे लगी,, तो सिग्नेचर बदल जाएगा।।

और दिल पे लगी,, तो नेचर बदल जाएगा।

 

 

 
 
 
 

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