Tuesday, March 1, 2011

दादा का बजट

दोस्तों,
हमेशा की तरह इसबार भी भारत सरकार का बजट पार्लियामेंट में पेश हो गया ,कांग्रेसियो ने तारीफ की और विरोधियो ने विरोध कर दिया  | कुछ लोगो ने इसे आम आदमी का बजट बताया तो कुछ ने खास लोगो को फायदा  पहुँचाने  वाला ,मतलब ये की सबने अपने-अपने हिसाब से बयान बाजी कर दी और अख़बार में छप   गए|

मुझे तो दादा बंगाल के जादूगर सरीखे नजर आये | शो के समय जैसा दिखाना चाहते थे दिखाया ,जब बाहर निकले तो लोगो की जेब हलकान थी और माल सरकार के पास कैसे पहुचेंगा इसकी बाकयदा प्लानिंग हो चुकी थी | 

८० साल पार कर गए लोगो का इनकम  टैक्स  कम लगेगा अरे भाई ठीक ही है ,जब आदमी के जिन्दा रहने में इतनी मुश्किले है और लोग तिल तिल कर मर रहे हो तो इतनी महंगाई   मे  ८० साल जी लेने वाले को  इनकम टैक्स की छूट के अलावा भारत सरकार का "शतायु पुरुस्कार" भी मिलना ही  चाहिए |  ऐसे लोगो का  उदाहरण दे कर सरकार जवानो का मुह बंद कर सकती है |और फिर दादा के सारे साथी भी तो इसी ग्रुप मे है और दादा तो सबमे सीनियर है , अब आखिर मंत्री तो जिन्दगी  भर रहेगे नहीं इसलिए  मंत्री रहते भविष्य तो सुरक्षित कर लेने में ही फायदा है , वर्ना कल किसने देखा है | अरे हाँ परेशानी के इस माहोल मे आदमी जल्दी बूढ़ा होता जा रहा है यह सरकार को भी पता है तभी तो सरकार ने ऐसी व्यवस्था कर दी है की अब  सीनियर सिटिज़न का ख़िताब और उपहार ६० बरस मे ही मिलजायेंगे ताकि मन मे ये न रहे की हम तो जी भर के जी  नहीं पाए और  सीनियरसिटिज़न का लाभ नहीं मिला|

यही  दादा महंगाई कम करने के लिए दबाव पड़ने पर कहते है की मै कोई जादूगर थोड़ी हूँ ,लेकिन महंगाई बढाने की जादूगरी  तो कर ही लेते है | और दादा ही क्यों ,शरद पवार भी तो कहते है की मै जादूगर नहीं हूँ यहाँ तक प्रधानमंत्री तक को भी यह मानना पड़ा की वो जादूगर नहीं है ,यानि मंत्रिमंडल मै कोई जादूगर है नहीं और सरकार को यह पता है की जनता दुःख    बढ़ा   तो कोई भी सकता है लेकिन दूर करने को जादूगर ही  चाहिए तो जादूगर बंगाल मे मिलते है |अरे भाई  U .P. A. सरकार  में दादा और दीदी दोनों ही बंगाल  का  काला   जादू  कर रहे है | 

अब  देखिये दीदी की जादूगरी   उनकी रेल बिना ड्राईवर ,गार्ड के चल रही है न | दीदी कलकत्ता मे बैठ कर दिल्ली मे रेल चलाती है ,लोगो की रेल बनाती  और पिछले 3 सालो मे ऐसी  रेल चलाई की सीधी राइटर बिल्डिंग जा कर रुकेंगी,है न दीदी की जादूगरी|

क्या ऐसा नहीं हो सकता अगले चुनाव मै जादूगरों को मौका दिया जाये ,और अगर  ५४१ ट्रेंड लोग  पार्लियामेंट    के लिए  न मिल सके तो इसका बाकयदा पाठ पढाया जाये ,ट्रेनिंग दी जाये |सरकार को  एक नए इंडियन इंस्टीटूट ऑफ़ मैजिक (I I M ) की घोषणा करनी चाहिए | ताकि हिंदुस्तान की जनता का कष्ट  सरकार दूर कर सके |इसी तरह विधान सभा के लिए  भी ऐसे वोकेशनल  ट्रेनिंग  कोर्से भी शुरू हो सकते है | ताकि जिम्मेदार पदों पर ऐसे लोग बैठे की जो समस्याओ को बढ़ाने के साथ उसको कंट्रोल करने के उपाए भी निकल सके |ये ना हो  की बयान दे कर समस्या बढ़ा तो दे और जब कंट्रोल करने की जरुरत पड़े तो बोले की हम कोई जादूगर थोड़े ही है | इससे    कम से कम आम आदमी को जीने का सहारा तो मिलेगा ,वरना अगले चुनाव तक तो लंगोटी भी नजर नहीं आयेगी | 

अजय सिंह "एकल"





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